जेल से कैदियों ने 200 पीपीई किट बनाकर आरडी गार्डी में काम करने वाले चिकित्साकर्मियों को उपलब्ध कराये


उज्जैन। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में बन्दी व्यक्ति बाहर सेवा न देकर जेल से ही कोरोना से बचाव से बचाव के लिये लगे कोरोना योद्धाओं हेतु 200 पीपीई किट तैयार कर आगर रोड स्थित आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में कोरोना से लड़ रहे पीड़ितों की सेवा में लगे चिकित्साकर्मियों को उपलब्ध कराये गये हैं। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में बन्द कैदी अपने हुनर के माध्यम से समाजसेवा में लगे हैं। कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की सेवा में लगे चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों के लिये पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वीपमेंट किट तैयार कर आरडी गार्डी कॉलेज में उपलब्ध कराई गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि भैरवगढ़ जेल में बन्दी स्वयं पीपीई किट तैयार कर नि:शुल्क उपलब्ध करा रहे हैं, वह अपना मेहनताना नहीं ले रहे हैं। उनका कहना है कि समाज की सेवा के लिये यह काम नि:शुल्क होना चाहिये।

उल्लेखनीय है कि पीपीई किट का उपयोग व्यक्ति छह घंटे तक कर सकता है। इसके बाद यह किट डिस्पोज करना पड़ती है। किट तैयार करने के लिये जरूरी सामान जैसे कपड़ा आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज उपलब्ध करवा रहा है। पीपीई किट का उपयोग चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी कर रहे हैं। इस आशय की जानकारी जेल अधीक्षक श्रीमती अलका सोनकर ने बताया कि आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा रहा है। संक्रमित मरीजों का उपचार चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक पीपीई किट कैदियों के द्वारा तैयार की जाकर उपलब्ध कराई जा रही है। श्रीमती सोनकर ने बताया कि जेल के 20 कैदी प्रतिदिन 200 किट बना रहे हैं। पीपीई किट सिलने वाले कोई नहीं थे, इस दौरान अस्पताल प्रशासन के संज्ञान में आया कि भैरवगढ़ जेल के कैदी सिलाई का कार्य जानते हैं। अस्पताल प्रशासन ने भैरवगढ़ जेल प्रशासन से चर्चा की। चर्चा के दौरान जेल अधीक्षक ने कैदियों से इस आशय की जानकारी दी तो कैदियों ने सहर्ष इसे स्वीकार कर कहा कि वे बाहर न जाकर जेल में ही उक्त कार्य समाज हित में करने के लिये तैयार हुए और प्रतिदिन पीपीई किट बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में वे किसी प्रकार की अपनी मजदूरी नहीं ले रहे हैं।