दिव्यांगजनों के विवाह कार्यक्रम में होगा सेल्फी पाइंट, सांकेतिक रूप से एक डोली भी सजाई जायेगी

 
उज्जैन। गुरूवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में अपर कलेक्टर श्रीमती बिदिशा मुखर्जी द्वारा 11 और 12 मार्च को भव्य स्तर पर होने वाले दिव्यांगजनों के वैवाहिक कार्यक्रम की तैयारियों के सम्बन्ध में अधिकारियों और आनन्दकों के साथ बैठक आयोजित की गई।
 बैठक में श्रीमती मुखर्जी ने जानकारी दी कि दिव्यांगजनों का वैवाहिक कार्यक्रम जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जायेगा, लेकिन अन्य शासकीय आयोजनों से ठीक उलट यह कार्यक्रम आमतौर पर होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों की तरह ही आयोजित किया जायेगा। विवाह स्थल पर एक सेल्फी पाइंट होगा, जहां दिव्यांग जोड़े और उनके परिवारजन सेल्फी ले सकेंगे। साथ ही फूलों से सांकेतिक रूप से एक डोली भी सजाई जायेगी, जहां पर फोटो सेशन आयोजित किया जायेगा।
 अपर कलेक्टर द्वारा विवाह सम्मेलन की तैयारियों में लगे समस्त अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि वे 11 और 12 मार्च को निर्धारित समय पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर रिपोर्ट करें। गुरूवार 12 मार्च को ठीक 10 बजे बारात निकाली जायेगी, जो प्रात: 11 बजे तक विवाह स्थल पर पहुंचेगी। इसके बाद दोपहर 12 बजे से विवाह और निकाह सम्पन्न होगा। विवाह के बाद स्नेहभोज आयोजित किया जायेगा। बैठक में जानकारी दी गई कि विभिन्न आयोजनों के लिये आनन्दकों और अधिकारियों की टीम बना दी गई है, जो उन्हें सौंपे गये दायित्वों का निर्वहन करेगी।
 शनिवार 7 मार्च को अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया जायेगा। कार्यक्रम स्थल पर पार्किंग व साफ-सफाई हेतु आरटीओ व नगर निगम को निर्देश दिये गये। साथ ही आरटीओ को दिव्यांगजनों को लाने-ले जाने के लिये परिवहन की व्यवस्था करने के लिये कहा गया। दिव्यांगजनों के परिवार और अन्य रिश्तेदारों को ठहराने के लिये अतिरिक्त धर्मशालाओं को भी बुक करने के लिये कहा गया। इस हेतु आनन्दकों को आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की अपील की गई।
 दिव्यांगजनों को विवाह स्थल तक लाने-ले जाने के लिये पर्याप्त संख्या में व्हील चेयर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। विवाह सम्मेलन में भोजन, नाश्ते आदि की गुणवत्ता की जांच हेतु खाद्य सुरक्षा टीम तैनात किये जाने के लिये कहा गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को पेयजल और आरओ की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये।
 कार्यक्रम स्थल पर अतिरिक्त जनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के लिये कहा गया। साथ ही एमपीईबी को कार्यक्रम स्थल पर सुचारू विद्युत प्रवाह के निर्देश दिये गये। अपर कलेक्टर द्वारा शनिवार 7 मार्च तक समस्त अधिकारियों को उन्हें दिये गये दायित्वों को पूर्ण करने के लिये कहा गया।
 श्रीमती बिदिशा मुखर्जी द्वारा जानकारी दी गई कि 11 मार्च को दिव्यांगजनों की हल्दी, मेंहदी और महिला संगीत कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। ये कार्यक्रम पूर्ण रूप से अनौपचारिक रहेंगे। इनमें बिलकुल परिवार जैसा माहौल रहेगा। महिला संगीत के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम फूलों से सुसज्जित स्टेज पर आयोजित किये जायेंगे। इन कार्यक्रमों में होली पर्व को ध्यान में रखते हुए फाग गीत और मालवी लोकगीत को भी शामिल किया गया है। शादी के दौरान मालवा के ग्रामीण अंचलों में गाये जाने वाले गीतों और लोकनृत्यों की प्रस्तुति भी विभिन्न संस्थाओं के कलाकारों द्वारा दी जायेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम में सर्वप्रथम गणेश वन्दना की जायेगी। ऑर्केस्ट्रा द्वारा 11 और 12 मार्च दोनों दिन प्रस्तुतियां दी जायेंगी।
 बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते विवाह कार्यक्रम में पूर्ण रूप से एहतियात बरती जायेगी। कोरोना से बचाव के लिये सभी अतिथियों और विवाह सम्मेलन में लगे आनन्दकों और अधिकारियों को समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सलाह जारी की जायेगी। सम्मेलन में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। इस हेतु नगर पालिक निगम को समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये।
 दिव्यांग विवाह सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए शनिवार 7 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की जायेगी। बैठक में जानकारी दी गई कि सम्मेलन में प्रवेश हेतु सभी अधिकारियों, आनन्दकों और दिव्यांगजनों व उनके परिवारजनों को पास जारी किये जायेंगे। वर-वधू को तैयार करने के लिये कार्यक्रम स्थल पर 11 कक्षों को आरक्षित किया गया है। वर-वधू के साथ-साथ अन्य सभी अतिथियों को भी मेंहदी लगाई जायेगी।
 बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री करण कुमारिया, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग श्री सीएल पंथारी, जिला पंचायत की परियोजना अधिकारी श्रीमती कीर्ति मिश्रा, सर्वश्री केशरसिंह पटेल, सुदर्शन अयाचित, प्रवीण जोशी, गोविंद खंडेलवाल, सुरेन्द्र अरोरा, योगेश व्यास, शफीक मंसूरी, नासीर बेलिम, हामीद मीर, गोपाल माहेश्वरी, जावेद डिप्टी, उर्मिला श्रीवास्तव, पद्मजा रघुवंशी, अर्चना ज्ञानी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी और आनन्दक मौजूद थे।