उज्जैन। श्रम विभाग द्वारा गठित की गई टास्क फोर्स ने संयुक्त निरीक्षण में उज्जैन में जैन नमकीन एवं किराना स्टोर तथा बाटा शोरूम के पास दो बाल श्रमिकों को कार्यरत पाया। निरीक्षण दल द्वारा कार्यवाही करते हुए बाल श्रमिक को मुक्त करवाया गया। दोनों बाल श्रमिकों के माता-पिता को समझाईश दी गई कि उन्हें श्रम कार्य में न लगायें तथा दोनों बालकों को माता-पिता को सौंप दिया गया।
सहायक श्रमायुक्त सुश्री मेघना भट्ट ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बाल श्रम अधिनियम में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति को 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखता है तो उसे कम से कम छह माह एवं अधिकतम दो साल तक की जेल की सजा हो सकती है। साथ ही 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। सहायक श्रमायुक्त ने सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से आव्हान किया है कि वे अपने यहां बाल श्रमिकों को काम पर न रखें। निरीक्षण दल में श्रम निरीक्षक श्री पीसी अहिरवार, श्री आदित्यप्रतापसिंह गौड़, श्री प्रशांत दुर्गा, सुश्री शुभि खंडेलवाल, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर श्री सतीश शर्मा, श्री अवधेश प्रतापसिंह गौड़, प्रधान आरक्षक श्री हीरामणि पाण्डेय, चाईल्ड लाइन से श्रीमती रेखा वासनिक आदि शामिल थे।