BJP विधायक का सिंधिया को पत्र, कहा- 'हमें आपके कष्ट का अंदाजा, हनुमान जी शक्ति देंगे'

 



इंदौर: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच का मनमुटाव अब किसी से छिपा नहीं है. ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की चेतावनी देते हैं, तो मुख्यमंत्री कमलनाथ कहते हैं कि ''उतर जाएं''.


भारतीय जनता पार्टी के नेता मध्य प्रदेश कांग्रेस के इन दोनों बड़े नेताओं के बीच की आपसी रार पर चुटकी लेने से नहीं चूक रहे. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं, ''दोनों (कमलनाथ और सिंधिया) एक दूसरे को निपटाने में लगे हैं. इस चक्कर में मेरा प्रदेश और मेरी जनता निपट रही है.'' अब इंदौर के भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर उनके साथ अपनी संवेदना जाहिर की है और हनुमान मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए बुलाया है. 


भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने पत्र ​में लिखा है, ''ज्योतिरादित्य जी, नमस्कार. कांग्रेस के वचन पत्र की याद दिलाने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक तौर पर आपके साथ जैसा व्यवहार किया वो दुःखद और पीड़ादायी है. उससे आपकी पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है. हनुमान जी को कलयुग का जागृत देव माना जाता है. हनुमान जी सबके संकट और पीड़ा हर लेते हैं. हनुमान चालीसा भी यही कहती है, संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमरे हनुमत बलवीरा.''


उन्होंने पत्र में आगे लिखा है, 'मुझे विश्वास है कि पीड़ा के इन क्षणों में हनुमान जी की भक्ति आपको शक्ति और साहस देगी. इस पत्र के माध्यम से मैं आपको इंदौर में श्री पितरेश्वर हनुमान धाम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित करता हूं. भाजपा के महासचिव कैलाश जी के संकल्प के अनुरूप यहां अष्टधातु से निर्मित हनुमान जी की विश्व की सबसे विराट और दिव्य प्रतिमा स्थापित की गई है."


मेंदोला ने आगे लिखा है, "इस विराट प्रतिमा के समक्ष, साधु-संतों के सानिध्य में सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ आपको अपनी पार्टी से मिली चुनौती को पूरा करने और आपकी पार्टी में आपके साथ हो रहे अन्याय से लड़ने और जीतने की शक्ति देगा. 14 फरवरी से शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा समारोह 3 मार्च तक चलेगा. इसका औपचारिक आमंत्रण पत्र इस पत्र के साथ संलग्न है. कृपया अपने आने की पूर्व सूचना प्रेषित करें और हां, एक बात और ये आमंत्रण बहुत शुभ भाव से प्रेषित है इसमें राजनीति या कोई और अर्थ मत तलाशिएगा.''