सीएम हेल्प लाईन एवं टीएल की शिकायतों का आरंभिक स्तर पर ही निराकरण करें - आयुक्त


उज्जैन आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल ने सीएम  हेल्प लाईन, उत्तरा पोर्टल, टीएल इत्यादि अन्तर्गत प्राप्त शिकायतों के निराकरण के संबंध में आयोजित समीक्ष बैठक में सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक शिकायत को आरंभिक स्तर पर ही निराकृत करें। शिकायत प्राप्त होते ही उसका अध्ययन करें, स्थाल निरिक्षण कर शिकायतकर्ता से मिल कर निराकरण सुनिश्चित करें।
आयुक्त श्री सिंघल ने निर्देशित किया कि किसी भी शिकायत को टालें नहीं, यदि किसी दूसरे अधिकारी या विभाग से संबंधित कोई शिकायत आपको प्राप्त होती है तो संबंधित अधिकारियों से चर्चा करें और तालमेल के साथ निराकरण कराएं। अन्य विभाग की शिकायत को स्थानान्तरित करने के साथ ही संबंधित विभाग को अवगत कराएं। महत्वपूर्ण यह है कि शिकायतकर्ता को संतुष्ट करने के प्रयास करें। यदि कोई शिकायत मांग की श्रेणी में आती है तो संभव होने पर अपने स्तर पर कार्य कराएं अन्यथा प्रस्ताव देकर शिकायतकर्ता को समझाईश दें।
अधिकांश शिकायतें अपने नियमित दायित्वों से संबंधित होती हैं, अर्थात साफ सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण इत्यादि। संबंधित अधिकारी अपने दायित्वों के साथ ही शिकायातों के समाधान को भी नियमित कार्यो का हिस्सा बनालें और सवेरे अन्य कार्यो के साथ शिकायतों के समाधान को भी अपने कार्यो में सम्मिलित रखें।



बैठक की आवश्यकता नहीं हों
आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल ने कहा कि यह मेरी सीएम हेल्पलाईन एवं टीएल संबंधी पहली बैठक है, बैठक आगे भी होगी किन्तु मैं चाहूंगा कि हमें कार्यो के लिये बैठक के निर्देशों की प्रतीक्षा नहीं करना चाहिए। लेव्हल वन अधिकरी आरंभिक स्तर पर ही समाधान करने की आदत डालंे। आप सब समझदार हैं अब बार-बार बैठक में केवल समझाया जाए इसकी आवश्यकता नहीं होना चाहिए।

अन्य निर्देश
आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल ने निर्देशित किया कि अतिक्रमण, अवैध निर्माण, अवैध कालोनी निर्माण को आरंभिक स्तर पर ही रोकें। अपने कार्यक्षैत्र का नियमित निरिक्षण करें और किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण या अतिक्रमण संज्ञान में आते ही बिना किसी विलम्ब के उस पर कार्यवाही करें।
क्षिप्रा के घाटों की सफाई और क्षिप्रा के जल को स्वच्छ रखने के सिलसिले मेें अपेक्षित कार्यवाही नियमित रूप से करें। क्षिप्रा नदी की ओर जाने वाले नालों पर नजर रखें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी स्थिति में किसी भी प्रकार का गंदा पानी क्षिप्रा में ना मिले।
प्रधानमंत्री आवास योजना तथा अन्य जनहितेषी योजनाओं से संबंधित कोई भी प्रकरण लंबित ना रखें। पात्र हितग्राहियों को पात्रता अनुसार लाभ दिलाए जाने के लिये सकारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें।