कलेक्टर ने मनरेगा के तहत जारी कार्य का निरीक्षण किया, शासकीय भूमि पर पौधारोपण करने, जल संरक्षण संरचनाओं की सुरक्षा पर ध्यान देने को कहा, काम कर रही लेबर से चर्चा की, जिले में 25 हजार 795 श्रमिकों को काम पर लगाया

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उज्जैन।कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने आज उज्जैन जिले में मनरेगा के तहत जारी रोजगार मूलक कार्यों का निरीक्षण किया तथा मौके पर जाकर उन्होंने लेबर से चर्चा की । उनके भुगतान के बारे में जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत बन रही विभिन्न संरचनाओं का रखरखाव आगे भी किया जाए । साथ ही उन्होंने जल संरक्षण के लिए तैयार की गई विभिन्न रचनाओं के आसपास पौधारोपण करने तथा स्टॉप डेम के किनारों पर ऐसे पौधे लगाने को कहा जिससे मिट्टी का कटाव कम हो।उज्जैन जिले में मनरेगा के तहत 25 हजार 795 श्रमिको को काम पर लगा कर रोजगार प्रदान किया गया है । निरीक्षण में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अंकित अस्थाना भी मौजूद थे।

कलेक्टर ने आज उज्जैन जनपद के ग्राम बकानिया में जाकर वहां चल रहे नाला गहरीकरण एवं चेक डैम निर्माण का निरीक्षण किया ।कलेक्टर ने कहा कि मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण में 60 प्रतिशत राशि मजदूरों पर व्यय होना चाहिए यह सुनिश्चित किया जाए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को जानकारी दी गई कि ग्राम बकानिया में 9 लाख 16 हजार रु की लागत से चेकडैम का निर्माण व नाले का गहरीकरण किया जा रहा है जो कि बारिश के पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा। यहां बताया गया कि मजदूरों को 190 रु प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी प्रति सप्ताह भुगतान की जा रही है ।इसी गांव में कुएं निर्माण का कार्य भी जारी है । गांव में 124 श्रमिकों को काम दिया गया है ।

सभी मजदूर मास्क लगाकर काम कर रहे हैं

राजस्थान जाना नहीं चाहते

मनरेगा की साइट पर कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव का असर भी दिखा। सभी मजदूर एवं कर्मचारी मास्क लगाए हुए काम कर रहे थे ।ग्राम बकानिया में राजस्थान से लौटकर आए श्रमिकों से कलेक्टर ने चर्चा की ।श्रमिकों ने बताया कि उन्हें यहां 190 रु प्रतिदिन मिल रहे हैं। जबकि राजस्थान में इससे कुछ अधिक राशि मिलती थी ।उन्होंने बताया कि यदि यहीं पर काम निरंतर खुला रहता है तो वह राजस्थान जाना नहीं चाहते हैं ।मजदूरों ने बताया कि वे समूह में राजस्थान के जैसलमेर साइड में जाकर जीरे की खेती की कटाई का कार्य करते थे और लॉकडाउन में वापस अपने घर लौट आए हैं ।

बीड़ी का व्यसन छोड़ें

ग्राम बकानिया में चर्चा के दौरान कलेक्टर को कुछ मजदूरों ने बताया कि वे लोग बीड़ी पीने में ही 60 रु प्रतिदिन का खर्च कर देते हैं। इस पर कलेक्टर ने मजदूरों से कहा कि यदि बीड़ी का व्यसन छोड़ देंगे तो एक तरह से उनकी आमदनी में वृद्धि हो जाएगी। वे बचे पैसे से अपने घर के अन्य कार्य कर सकेंगे। ग्राम बकानिया में कलेक्टर ने सरपंच श्री महेंद्र सिंह से चर्चा कर निर्देशित किया कि वह चेक डैम के आसपास पड़ी हुई शासकीय भूमि पर फलोद्यान की योजना बनाकर लागू करें। आसपास के किसानों को इस फलोद्यान के फलों का मालिकी की हक दिया जा सकता है बशर्ते वे इस फलोद्यान की देखभाल करते हुए इसका संरक्षण करें।

शत-प्रतिशत राशि श्रमिकों पर व्यय कर तालाब बन रहा है

कलेक्टर आशीष सिंह इसके बाद घटिया जनपद के ग्राम बोरखेड़ी में पहुंचे वहां जाकर उन्होंने मनरेगा के तहत बन रहे तालाब का निरीक्षण किया तथा यहां पर भी उन्होंने बाहर से आई हुई लेबर से चर्चा की ।यहां बताया गया कि 4 लाख 90 हजार रु की लागत से सौ प्रतिशत श्रमिकों के श्रम पर आधारित तालाब का निर्माण किया जा रहा है। यहां एकत्रित होने वाला पानी आसपास के कुंओ एवं ट्यूबवेल का जलस्तर बढ़ा आएगा ।यहां पर भी कुछ मजदूर जैसलमेर से लौटकर आए थे । यहां साइट पर 41 मजदूर काम करते हुए पाए गए। उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले में विगत 22 अप्रैल से मनरेगा के कार्य प्रारंभ किए गए हैं और जिले में लगभग 25795 श्रमिकों को इस योजना के तहत काम दिया गया है ।वर्तमान में 1405 कार्य प्रगति रत है ।जिले में 4000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को इस योजना से जोड़कर उनको रोजगार दिया गया है।