आनन्द संस्थान द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण किया गया


 








उज्जैन। जिला उज्जैन राज्य आनन्द संस्थान द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए विभिन्न स्थानों पर 50 से अधिक पौधे रोपित किये गये। आनन्दकों ने पर्यावरण संरक्षण पर प्रेरक विचार भी रखे और ऑनलाइन निबंध और चित्रकला का आयोजन भी किया गया। संस्थान के जिला समन्वयक डॉ.प्रवीण जोशी द्वारा संस्थान और उसकी गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रकृति हमें निस्वार्थ भाव से सबकुछ देती है, इसीलिये हमें भी प्रकृति को सुरक्षित और साफ-सुथरा पर्यावरण देना है। इसके लिये प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन नैतिक जिम्मेदारी के साथ करना चाहिये। प्रकृति अर्थात पेड़, पौधे, नदी और पशु-पक्षी के बीच रहकर हमें आनन्द की अनुभूति होती है, इसीलिये हमें आनन्द के लिये जीवनभर इनका संरक्षण करना चाहिये।

एक अन्य पर्यावरणविद ने बताया कि हमारी आध्यात्मिकता और संस्कृति में भी प्रकृति के प्रति प्रेम करना सिखाया गया है। हमारी संस्कृति पेड़, पौधे, नदियों और पर्वतों के महत्व से जुड़ी है। हमारे अनेक तिज-त्यौहार इन्हीं के साथ मनाये जाते हैं।

आनन्दक डॉ.विमल गर्ग ने कहा कि वे प्रतिदिन कॉलोनी के उद्यान में समय देते हैं और पौधों के संरक्षण हेतु अन्य कॉलोनीवासियों को भी प्रेरित करते रहते हैं। वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत आनन्दक श्री सीपी जोशी, श्री प्रवीण पण्ड्या, श्री राकेश सोनी ने नये पौधे रोपे और पुराने पौधों को सुरक्षित किया। आनन्द विभाग प्रभारी श्री डाबरे ने प्रदूषणरहित सायकल के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु अभियान चलाने की बात कही। आनन्दम सहयोगी श्री विजेन्द्र अरान्या ने कहा कि हमें पेड़-पौधे ही नहीं बल्कि प्रकृति के सभी जीव-जन्तुओं और जैव-विविधता के संरक्षण हेतु आगे आना होगा।