नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के माध्यम से 3 हजार से अधिक प्रकरण निराकरण हेतु प्रस्तुत किये गये


 


उज्जैन। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पदमेश शाह द्वारा जानकारी दी गई कि शनिवार को प्रात: 10.30 बजे न्यायाधीश साक्षी कपूर द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर और पूजन-अर्चन कर नेशनल लोक अदालत का शुभारम्भ जिला न्यायालय भवन में किया गया। उल्लेखनीय है कि जिला न्यायाधीश श्री एसकेपी कुलकर्णी द्वारा यह निर्णय लिया गया कि पिछली नेशनल लोक अदालत में जिन न्यायाधीश द्वारा सबसे अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा, उनके द्वारा ही नेशनल लोक अदालत का शुभारम्भ किया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुश्री तृप्ति पाण्डेय, स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष श्री प्रताप मेहता, बार अध्यक्ष श्री अशोक यादव, रजिस्ट्रार जिला न्यायालय श्री संकर्षण पाण्डेय, विशिष्ट अभिभाषक एवं पैनल लॉयर पं.राजेश जोशी, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दिलीपसिंह मुझाल्दा, कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायालय के समस्त कर्मचारी, स्टाफ और जिला अभिभाषक संघ के सभी सदस्य मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में जिला मुख्यालय तथा तहसीलों सहित कुल 37 खण्डपीठों के माध्यम से आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम सम्बन्धी, श्रम, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा, बैंक वसूली, प्रिलिटिगेशन एवं बैंकों के न्यायालय में लम्बित प्रकरण, धारा-138 निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउंस प्रकरण, कुटुंब न्यायालय, ग्राम न्यायालय, नगर पालिक निगम, सम्पत्ति-कर, जल-कर, बीएसएनएल के बकाया बिल वसूली सम्बन्धी प्रिलिटिगेशन के प्रकरणों का निराकरण किया गया।
प्रिलिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छह माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी गई।
इसी प्रकार लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छह माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी गई।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दिलीपसिंह मुझाल्दा ने बताया कि न्यायालय द्वारा लम्बित प्रकरणों में से धारा-138 एनआई एक्ट 1130, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण 566, आपराधिक प्रकृति 671, विद्युत देयक बकाया वसूली 61, हिन्दू विवाह अधिनियम 73, सिविल 487 तथा प्रिलिटिगेशन प्रकरणों में से बैंक ऋण वसूली 877 तथा बीएसएनएल वसूली 270, अन्य केस 18 इस प्रकार कुल 3006 प्रकरण आज नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के माध्यम से निराकरण हेतु रखे गये।