उज्जैन। भगवान महाकाल ने आज 22 फरवरी को पुष्प मुकुट (सेहरा) धारण कर श्रद्धालुओं को दिव्य दर्शन दिये। वर्ष में एक ही बार महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन भगवान महाकाल की दोपहर में भस्मार्ती होती है। महाशिवरात्रि पर्व के अगले दिन 22 फरवरी को प्रात: 4 बजे से सेहरा चढना प्रारम्भ हुआ और प्रात: 6 बजे सेहरा आरती हुई। प्रात: 11 बजे से पुष्प मुकुट (सेहरा) उतरना प्रारंभ हुआ। दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक भगवान महाकाल की भस्मार्ती हुई। दोपहर 2.30 बजे से 3 बजे तक भोग आरती पश्चात ब्राम्हण भोज आयोजित किया गया।
भस्मार्ती में शामिल हुए बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया और अपने आप को धन्य महसूस किया। भस्मार्ती के पूर्व बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किये। इस बार श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रशासक के द्वारा की गई व्यापक व्यवस्थाओं से प्रसन्नता प्रकट की और प्रशासन की सराहना की। भस्मार्ती शामिल हुए सेकडों भक्तों ने बडे ध्यान मग्न होकर भगवान भोलेनाथ की आरती का दर्शन लाभ लिया।
जिला प्रशासन के मुखिया श्री शशांक मिश्र, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर एवं प्रशासक श्री एस.एस. रावत ने की गई व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान करने पर सबका आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया।
भस्मार्ती में महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, पार्षद गण सहित प्रशासनिक अधिकारी आदि शामिल हुए। प्रशासक श्री एस.एस. रावत आज प्रात: से ही व्यवस्थाओं पर कडी नजर रखे हुए थे और संबंधितों को व्यवस्थाओं के संबंध आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे। प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं से आम श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता झलक रही थी। महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित निर्गम गेट के सामने नि:शुल्क हरबल चाय सेवा के अंतर्गत काउनटर पर दो दिन में हजारों श्रद्धालुओं ने हर्बल चाय का आनंद लिया।
भगवान महाकाल की दोपहर में हुई भस्मार्ती