पॉजिटिव मरीजो की संख्या बढ़ना चिंता का विषय नही
उज्जैन 16 मई। उज्जैन शहर में कोरोनावायरस से लड़ाई में अच्छे संकेत मिलते दिख रहे है ।उज्जैन शहर में सर्वे के लिए लगाई गई 376 टीम्स प्रभावित क्षेत्र में प्रत्येक दरवाजे पर दस्तक दे रही है ,लोगों से पूछ रही है कि उन्हें सर्दी जुकाम बुखार तो नहीं है ।और यदि है तो ऐसे व्यक्ति की तुरंत जांच करवाई जा रही है । यह टीम की मेहनत का नतीजा है कि लगभग 1 सप्ताह में उन्होंने 97189 परिवारों तक अपनी पहुंच बना ली है । यही नहीं इस टीम की मेहनत के कारण विभिन्न क्षेत्रों से कुल 26 संदिग्ध कोरोना मरीजो की पहचान की गई और उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए ।इनमें से 05 व्यक्ति कोरोनावायरस पॉजिटिव निकले हैं। जो पांच व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें 40 वर्षीय महिला प्रकाशनगर से 47 वर्षीय महिला लक्ष्मी बाई मार्ग से, 62 वर्षीय पुरुष व 23 वर्षीय महिला दोनों बेगमपुरा से तथा 40 वर्षीय पुरुष पटेल नगर से शामिल ।
सर्वेक्षण टीम के प्रयास से ही कुछ नए क्षेत्र की पहचान हुई है जहां कोरोनावायरस पॉजिटिव मरीज घर में छुपे बैठे थे और उपचार नहीं करवा रहे थे ।इन सभी क्षेत्रों पर अब प्रशासन की नजर है और शहर में कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सर्वेक्षण टीम जिसमें विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग ,आशा कार्यकर्ता, चिकित्सा विभाग के कर्मचारी ,नगर निगम के कर्मचारी ,विभिन्न मुस्लिम क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के चिकित्सक को प्रेरित करके कोरोना की लड़ाई के कार्य मे लगाया , उनमें जोश भरा । टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों से पूछताछ की जा रही है । कलेक्टर ने कहा कि इस तरह से मरीजों की पहचान होती रहती है तो यह निश्चित रूप से कोरोना कि लड़ाई में जीत की ओर एक कदम साबित होगा ।
कलेक्टर ने कहा कि पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ना कोई चिंता का विषय नहीं है ।चिंता तो तब है जब लोग घरों में छुप कर बैठे रहे और कोरोना से संक्रमित होते रहे ।कलेक्टर ने कहा कि ऐसे लोगों की तुरंत पहचान कर उनका सैंपल आरआर टीम द्वारा लिए जा रहे हैं। गंभीर मरीजों को अस्पताल तक लाकर उनको भर्ती कराया जा रहा है तथा उनकी जांच की जा रही है। समय पर पहचान से मरीजों को क्रिटिकल होने से रोका जा सकेगा ।
सर्वेक्षण टीम प्रभारी अपर कलेक्टर श्रीमती विदिशा मुखर्जी ने बताया कि उज्जैन शहर में कुल 376 टीम सर्वेक्षण के कार्य में लगी है और प्रत्येक टीम ढाई सौ घरों में जाकर लगातार लोगों के घरों में दस्तक देकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी एकत्रित कर रही है ।टीम को 4 दिन में ढाई सौ घरों में सर्वेक्षण का लक्ष्य दिया गया है और पांचवे दिन ही विश्राम दिया जाता है । इसके बाद फिर इन टीमो को सर्वेक्षण के कार्य में लगाया जाता है ।इस तरह निरंतर लोगों के संपर्क में रहकर हर एक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है । उन्होंने बताया कि बड़नगर के 18 वार्डों के लिए लिए भी 40 टीम तैयार कर दी गई है और वहां भी सर्वे का कार्य प्रारंभ हो गया है ।