प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- गांवों ने दिया दो गज देह की दूरी का मंत्र, कोरोना ने सिखाया आत्मनिर्भर बनना होगा


नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के सरपंचों से संवाद कर रहे हैं। पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे से देश की ग्राम पंचायतों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरपंचों से बात करने से पहले दो योजनाओं की शुरुआत भी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर, बिहार, यूपी समेत कई राज्यों के सरपंचें से बात की और कोरोना महामारी से लड़ने के प्रयासों के जानकारी लेने के साथ ही उनके सराहना भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोगों ने इस दौरान अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं। गांवों से जो अपडेट्स आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है। आप सभी ने दुनिया को बहुत सरल शब्दों में मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ये आपके ही प्रयास हैं कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है।


प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि, इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है कि भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है। ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है। सरकार और जनता के बीच जब विश्वास होता है तो कितने ही बड़े संकट को हम पार कर लेते हैं। इस बार जो लड़ाई हम जीत रहे हैं, उसका मूल कारण विश्वास है। खुद पर भी विश्वास है और व्यवस्थाओं पर भी विश्वास है।


इससे पहले अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस ने सबके सामने चुनौती पेश की है और मुसीबतें पैदा की है। इस महामारी ने हमारे काम करने का तरीका बदला है साथ ही एक नया संदेश भी दिया है। कोरोना ने हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। पहले हम किसी कार्यक्रम को आमने सामने रहकर करते थे। लेकिन आज वही कार्यक्रम वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से करना पड़ रहा है। आज इस कार्यक्रम में जुड़े सभी लोगों का मैं स्वागत करता हूं।


प्रधानमंत्री ने कहा कि, कोरोना महामारी ने हमारे लिए अनेक मुसीबतें पैदा की हैं, जिनकी हमने कभी कल्पना तक नहीं की थी। लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि इस महामारी ने हमें नई शिक्षा और संदेश भी दिया है। मैं इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी लोगों तक एक संदेश देना चाहता हूं। कोरोना संकट ने सबसे बड़ा सबक हमें जो सिखाया है कि अब हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा। बिना आत्मनिर्भर बने ऐसे संकटों से निपटना मुश्किल है।


मोदी ने आगे कहा कि, 5-6 साल पहले एक दौर वो भी था जब देश की सौ से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं। अब सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है। इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है। सरकार ने भारत में ही मोबाइल बनाने का जो अभियान चलाया है, उसी का परिणाम है कि आज गांव गांव तक कम दामों वाले स्मार्ट फोन पहुंच चुके हैं। ये आज जो इतने बड़े स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस हो रही हैं, ये सब इसी के कारण संभव हो पाया है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वक्त था जब देश की 100 से भी कम ग्राम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी हुई थी। आज 1.25 लाख ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड है। इसके अलावा कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण लोगों की मदद के लिए खोले गए हैं।
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और स्वामित्व योजना 
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संवाद के पहले ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया साथ ही स्वामित्व योजनाओं की भी शुरुआत की। आज लॉन्च हुए ऐप के जरिए ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी होगी। इसके माध्यम से पार्दशिता भी आएगी और परियोजनाओं के काम में भी तेजी आएगी। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पंचायती राज मंत्रालय की अनोखी पहल है जिससे ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने और उसे लागू करने के लिए एकल स्थान मिल जाएगा।


वहीं स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे। इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे।
इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी। इससे शहरों की तरह गांवों में भी आप बैंकों से लॉन ले सकेंगे।



हर साल मनाया जाता है पंचायती राज दिवस



पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार, 24 अप्रैल को हर वर्ष राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था। वहीं इस दिन को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थीप्रधानमंत्री ऐसे समय पर ग्राम पंचायतों को संबोधित करेंगे जब देश में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन लागू है।